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बाप का नाम रोशन 2

राजपाल -"कहां जा रहा है"?

धर्मेंद्र -"शर्मा जी की लड़की को भगाने  "!

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धर्मेंद्र के पिता झाड़ू लगा रहे हैं

धर्मेंद्र-"अरे,,,पापा, आप झाड़ू क्यों लगा रहे हो"?

पिता -"तेरी मां का सिर दर्द कर रहा है इसलिए"!

धर्मेंद्र -"मम्मी, क्या सर से झाड़ू लगाती है, तुम्हारे लिए एक खुशखबरी है पापा, मैंने आज तुम्हारा नाम,रोशन कर दिया"!

पिता -"ऐसा क्या, काला कारनामा कर दिया तूने"!

धर्मेंद्र -"अरे,,वह तुम्हारे जिगरी दोस्त शर्मा जी है ना"!

पिता -"हां, वह मेरा जान से भी प्यारा दोस्त है, उसके लिए मैं, अपनी जान दे भी सकता हूं और किसी की जान ले भी सकता हूं, क्योंकि वह मेरा दोस्त नहीं, मेरी जान है और उसकी बेटी,मेरी बेटी है,अगर उसकी तरफ किसी ने आंख उठा कर भी देखा तो उसकी आंख में मिर्ची डाल दूंगा"!

धर्मेंद्र -"वही तो मैं बता रहा हूं, कोई उसकी तरफ आंख उठाकर नहीं देख पाए, इसलिए तुम्हारे जान से प्यारे दोस्त शर्मा जी की लड़की, रोशनी को भगाकर,अपने घर ले आया हूं, नीचे खड़ी खड़ी है,पूरे घर में रोशनी ही रोशनी हो गई है, जिधर देखो उधर, रोशन ही रोशन, पूरा घर चमक-चमक कर रहा है, देखो कर दिया ना तुम्हारा नाम, रोशन"!

पिता -"उल्टी खोपड़ी के, थोड़ा बहुत नाम था, उस पर भी काला रंग पोत दिया, अब क्या मुंह दिखाऊंगा शर्मा को, की घर का रक्षक ही रक्षक बन गया,अभी इसी वक्त जा और रोशनी को उसके, घर छोड़कर आ, नहीं तो निकल जा मेरे घर से, हमेशा के लिए"!

धर्मेंद्र -"अरे,,,यार पापा, तुम्हारा बेटा बनकर तो नाम रोशन नहीं कर पाया पर रोशनी का पति बनकर, तुम्हारा नाम जरूर रोशन कर दूंगा, दो-चार दिन में वह कलेक्टर बनने वाली है"!

पिता-"अरे,,,वह सब तो ठीक है पर तू, मेरा नाम रोशन करने के चक्कर में अपना नाम मत डूबा लेना, कैसे समझाऊं तुझे, अरे,,,वह रोशनी कान कुंवारी है, मतलब न नर है,ना नारी है, बीच में है"!

धर्मेंद्र यह बात सुनकर वहीं बेहोश

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धर्मेंद्र अपने दोस्त, राजपाल के साथ एकांत में बैठा है

राजपाल -"ऐसे गुब्बारे जैसे गाल फुला कर, बैठने से कुछ नहीं होगा, बाप का नाम रोशन करने के लिए, हमारे देश में दो ही तरीके हैं या तो एक्टर बन जा या फिर क्रिकेटर"!

धर्मेंद्र -"लड़की से भी ज्यादा शर्म आती है मुझे, एक्टर कहां से बन जाऊंगा और मैं क्रिकेट नहीं खेलता, क्रिकेट मेरे साथ खेलता है, तुझे सब पता है, यह दोनों काम मेरे बस के नहीं है, कोई और आइडिया बक"!

राजपाल -"अब तो एक ही आईडिया है,आर्मी में चला जा और शहीद हो जा"!

धर्मेंद्र, ने राजपाल को आश्चर्य से देखा और विचार कर कहा

धर्मेन्द्र-"फिर मन कर रहा है, तेरा खोपड़ा फोड़ दूं, ताकि तू, ऐसा आईडिया किसी और को ना दे पाए"!

राजपाल -"खोपड़ा फोड़ देगा तो तुझे, भी आईडिया नहीं दे पाऊंगा"!

धर्मेंद्र -"बिल्कुल सही बात कही है, तेरे खोपड़े ने पर एक बात गलत बोली बेटा"!

राजपाल-"कौन सी बात  "!

धर्मेंद्र -"की आर्मी में केवल, शहीद होकर नाम रोशन होता है, अरे,,,दुश्मन को मार कर भी तो नाम रोशन किया जा सकता है"! धर्मेंद्र ने राजपाल के सिर पर मारते हुए कहा

राजपाल -"हा,,,हा,,, तेरी बात सुनकर, मुझे हंसी आ रही है, तु सांप के बच्चे को देखकर, पेंट गीली कर देता है, बॉर्डर पर जाकर, दुश्मन को कैसे मारेगा"?"आर्मी में जाने के लिए लोहे जैसा बदन, चीता जैसी फुर्ती और सनी देओल जैसा 2 किलो 500 ग्राम का हाथ चाहिए"!

धर्मेंद्र -"अरे,,,पूरी तैयारी के साथ जाऊंगा, तु बस आर्मी में जाने का उपाय बता दे, हां,,,

राजपाल -"एक ही उपाय है, करनल ज्ञानचंद, सुबह  जल्दी उठकर, टहलने आ जाना, तुझे उनसे मिलवा दूंगा, वही बताएंगे, आर्मी में जाने का उपाय"!

धर्मेंद्र घर जाकर खुशी-खुशी सो जाता है और सुबह मुर्गे की पहली आवाज सुनकर, उठता है और फटाफट तैयार होकर राजपाल के पास आता है

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लंबी कद-काठी, हस्ट-पुस्ट शरीर वाले, करनल ज्ञानचंद सामने से दौड़ते हुए आ रहे हैं और राजपाल ने इशारा कर कहा

राजपाल-"यही करनल ज्ञानचंद है"!

धर्मेंद्र,तेजी से दौड़ता हुआ, ज्ञानचंद की ओर बढ़ता है और जाकर, बहुत जोर से उनसे टकरा जाता है, जिससे करनल ज्ञानचंद नीचे गिर जाता है

ज्ञानचंद -"इतना बड़ा रोड़ छोड़कर, मुझ पर दौड़ लगा रहा है, पागल कहीं के"!

धर्मेंद्र -"जय हिंद सर, धर्मेंद्र बिलोटिया रिपोर्टिंग सर, मुझे आर्मी में भर्ती होना है, सर, आपकी मदद चाहिए सर"! धर्मेंद्र ने जोर से कहा

करनल-"जोश अच्छा है तुममे पर होश की कमी है,अगर मेरी ट्रेनिंग में पास हो गए तो तुम्हें, आर्मी का स्पेशल ऑफिसर बनाऊंगा"!

धर्मेंद्र -"मैं हर ट्रेनिंग देने के लिए, तैयार हूं सर"! धर्मेंद्र ने जोर से कहा

कर्नल -"तो ठीक है, यंग बॉय, ट्रेनिंग के लिए तैयार हो जाओ,तुम्हारी बाइक की चाबी मुझे दो और इस सामने वाले पत्थर को उठाओ"!

धर्मेंद्र -"अच्छा,,,इस पत्थर को उठाना है"!

करनल -"नहीं,,इस पत्थर को उठाकर,10 किलोमीटर दौड़ लगानी है तुम्हें, इस पत्थर को लेकर 10 किलोमीटर दोड़ो, मैं, तुम्हें आगे मिलूंगा"! करनल ने बाइक बढ़ाते हुए कहा

धर्मेंद्र पत्थर उठाकर दौड़ने रखता है और उसके साथ, पीछे राजपाल भी, कुछ दूर भागने के बाद, धर्मेंद्र थककर गिरता है और उसके हाथ से पत्थर छूट जाता है

फिर धर्मेंद्र हांपते हुए कहता है

धर्मेंद्र-"राजपाल, 2 किलोमीटर तो आ गए होंगे, अपन"!

राजपाल -"अभी तक केवल एक किलोमीटर ही आए हैं, 9 किलोमीटर बाकी है"!

धर्मेंद्र -"थोड़ी देर पत्थर उठाकर, तू भाग ले यार, मैं तो बहुत थक गया हूं"!

राजपाल -"आर्मी का भूत तुझे लगा है, मुझे तो स्वीटी की भूतनी लगी है"!

धर्मेंद्र -"चल नहीं तो कर्नल साहब, हमें मारकर भूत बना देंगे"!

तभी धर्मेंद्र को सामने से एक बाइक सवार आता दिखाई देता है तो धर्मेंद्र उसे देखकर कहता है

धर्मेंद्र-"राजपाल तू रोड पर बेहोशी की एक्टिंग कर"!

राजपाल फटाक से रोड पर बेहोश हो जाता है,राजपाल को बेहोश देखकर  वह बाइक सवार रुकता है, तभी धर्मेंद्र उसकी बाइक उठाकर फरार हो जाता है, जब वह बाइक सवार,धर्मेंद्र के पीछे भागता है तो राजपाल भी वहां से गायब हो जाता है

बाइक सवार -"बेवकूफो ने मुझे,बेवकूफ बना दिया"!

धर्मेंद्र बाइक लेकर आगे बढ़ता है तो उसे दूर खड़े,कर्नल साहब,दिखाई देते हैं, तब वह चुपके से बाइक रोककर, दूसरा पत्थर उठाकर,भागता हुआ, उनके पास आता है यह देखकर कर्नल साहब कहते हैं

करनल-"वेल डन, यंग बॉय, कोई चीटिंग तो नहीं की है"!

धर्मेंद्र -"कर्नल साहब, चोरी, छोरी और मक्कारी, मेरे खून में नहीं है, मैं ऐसी 100 परीक्षा देने के लिए तैयार हूं, हां,,

करनल-"तुम्हें सो नहीं, अब सिर्फ एक परीक्षा देनी है, क्योंकि तुमने जो टास्क पूरा किया है, उसे आज तक दुनिया में कोई सोल्जर,नहीं कर पाया है, इसलिए तुम्हारी प्रतिभा पर मुझे पूरा विश्वास है,चलो   आखिरी परीक्षा दो और कल से ही आर्मी जॉइन करो"!

धर्मेंद्र -"सच्ची,,,तो चलो कर्नल साहब, और कौन सी परीक्षा देनी है"!

करनल, धर्मेंद्र की आंख पर पट्टी बांधकर ,एक पहाड़ पर ले जाकर कहता है

करनल-आंख की पट्टी खोलो और यहां से कूद जाओ"!

धर्मेंद्र -"क्या"?धर्मेंद्र ने पहाड़ी की गहराई देखते हुए आश्चर्य से कहा

करनल -"यहां से कूद जाओ"!

धर्मेंद्र -"यहां से कूद गया तो आर्मी में नहीं, नरक में भर्ती हो जाऊंगा फिर आर्मी में, मेरे भूत को भरती करोगे"!

करनल -"शट अप,,चलो,फटाफट कुदो, डरो मत, कुछ नहीं होगा"!

धर्मेंद्र -"अरे,,,आप पागल तो नहीं हो गए हो, यहां से कूद गया तो हड्डी पसली चूर-चूर हो जाएगी और तुम कह रहे हो,कुछ नहीं होगा"!

करनल-"में आखिरी बार कह रहा हूं, यहां से कूद जाओ, नहीं तो मैं,फेंक दूंगा"!

धर्मेंद्र -"मैं भी आखरी बार कह रहा हूं, नहीं कुदुंगा ओर तुम, एसे-कैसे फेंक दोगे"!

करनल -"अभी बताता हूं"!

तभी करनल ने धर्मेंद्र को धक्का दिया और धर्मेंद्र जोर-जोर से चिल्लाया

धर्मेंद्र-"आआअअ,,,आआअअ"!

और उसके पिता ने उसे लात मारी, और वह बिस्तर से नीचे गिरा, तब पिता ने पूछा

पिता-"ऐसे गधे जैसा क्यों, भोक रहा था, किसी ने आसमान से फेंक दिया क्या"?

धर्मेंद्र ने अपने आप को घर में पाया तो उसे समझ आया कि यह एक सपना था, तभी उसके दोस्त, राजपाल की आवाज आई

राजपाल-"धर्मेंद्र,,,धर्मेंद्र"!

धर्मेंद्र -"सुबह-सुबह कुत्ते जैसा क्यों चिल्ला रहा है"? धर्मेंद्र ने घर के बाहर आकर कहा

राजपाल -"चल तुझे, कर्नल साहब से मिलाता हूं"!

धर्मेंद्र -"तू ही मिल, तेरे कर्नल साहब से, मुझे नहीं जाना आर्मी में और नहीं करना, अपने बाप का नाम रोशन"!

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